NATIONAL RAGGING PREVENTION PROGRAMME(Poster) National Anti-Ragging Helpline 24x7 Toll Free 1800-180-5522 helpline@antiragging.in | www.antiragging.in UGC Monitoring Agency Centre for Youth (C4Y) antiragging@c4yindia.org | www.c4yindia.org Contact Details of the Anti-Ragging Committee and Squad Anti-Ragging Committee (ARC) | Anti-Ragging Squad (ARS) RAGGING IS A CRIMINAL OFFENCE AND THE CULPRITS WILL ATTRACT PUNITIVE ACTION AS MENTIONED IN THE UGC REGULATIONS (www.antiragging.in/assets/pdf/annexure/Annexure-I.pdf) www.ugc.ac.in |
अनुशासन भंग निरोधी प्रकोष्ठ
एंटी-रैगिंग सेल किसी भी शैक्षणिक संस्था की अनुशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। के.सं.विश्वविद्यालय के नियम-निर्देशानुसार परिसर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C.) 1956 के अधिनियम तथा उसके अंतर्गत संशोधित नियम ‘उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की रोकथाम’ हेतु यू.जी.सी. विनियम, 2009 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एंटी-रैगिंग सेल की स्थापना की गयी है।
अनुशासन भंग निरोधी प्रकोष्ठ (एंटी-रैगिंग) के उद्देश्य
अनुशासन भंग निरोधी प्रकोष्ठ परिसर में रैगिंग-मुक्त वातावरण एवं अनुशासित शिक्षणाधिगम संस्कृति बनाए रखने हेतु पर्यवेक्षण एवं परामर्शदायी समिति के रूप में कार्य करती है । इस सेल के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
1. रैगिंग में निहित अमानवीय प्रभावों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करना।
2. रैगिंग की घटनाओं को रोकने एवं उनकी पुनरावृत्ति को समाप्त करने हेतु निरंतर निगरानी रखना।
3. संज्ञान में लाई गई रैगिंग की घटनाओं से त्वरित एवं कठोरता से निपटना।
4. यह स्पष्ट संदेश देकर अनुशासन का वातावरण निर्मित करना कि किसी भी प्रकार की रैगिंग को सहन नहीं किया जाएगा तथा रैगिंग की कोई भी घटना अनदेखी या दंड से मुक्त नहीं रहेगी। रैगिंग की परिभाषा भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C.) द्वारा जारी अधिसूचनाओं के अनुसार, किसी छात्र या छात्रों के समूह द्वारा निम्नलिखित में से एक या अधिक कृत्य किए जाना रैगिंग माना जाएगा-
1. किसी भी प्रकार का अनुशासनहीन आचरण, चिढ़ाना या असभ्य व्यवहार।
2. ऐसा कोई भी कार्य जो नियमित शैक्षणिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करे।
3. ऐसा कोई कार्य जिससे असुविधा, कठिनाई, मानसिक उत्पीड़न हो अथवा भय या आशंका उत्पन्न हो।
4. किसी भी प्रकार की आर्थिक उगाही या जबरन खर्च करवाना।
5. शारीरिक उत्पीड़न का कोई भी कार्य जिससे हमला, चोट या स्वास्थ्य को खतरा हो।
6. बोले गए शब्दों, ई-मेल, एस.एम.एस., सार्वजनिक अपमान आदि के माध्यम से किया गया कोई भी दुर्व्यवहार।
7. मानवीय गरिमा के मूल अधिकारों को क्षति पहुँचाने या उसका उल्लंघन करने वाला कोई भी कार्य।
8. अवैध निरुद्धीकरण, अपहरण, छेड़छाड़, अप्राकृतिक अपराध, आपराधिक बल का प्रयोग, अनधिकृत प्रवेश या धमकी देना।
9. रैगिंग के उद्देश्य से कोई अवैध सभा या साजिश ।
रैगिंग दोषियों के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही अथवा दंड विधान
1. परिसर के भीतर या परिसर के बाहर रैगिंग में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी छात्र या छात्रों के समूह के विरुद्ध नियमानुसार कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जासकती है अथवा विश्विद्यालय परिसर से बहिष्कृत किया जा सकता है अथवा आपराधिक पोलिस मामला दर्ज (Polic Fir) करवाया जा सकता है ।